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दिव्यांग हंसी के पात्र नहीं है बल्कि हमारे सहयोग के अधिकारी हैं

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दिव्यांग हंसी के पात्र नहीं है बल्कि हमारे सहयोग के अधिकारी हैं

बच्चों के पवित्र और कोमल मन में सर्व का सहयोग करने का बीज रोपित करें- बीके भावना 

छतरपुर। बच्चों का मन कोमल और पवित्र होता है उस पवित्र मन में हर किसी के प्रति प्यार बसता है अगर इस कोमल मन में बचपन से ही हर किसी का सहयोग करने और सभी के प्रति अपनेपन का भाव रखने का संस्कार डाला जाए तो बड़े होकर यही बच्चे समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं और इसी शुभ भावना को लेकर ब्रह्माकुमारीज द्वारा चलाया गया मध्य प्रदेश दिव्यांग समानता, संरक्षण और सशक्तिकरण अभियान नन्हे-मुन्ने बच्चों के बीच एंजिल पब्लिक स्कूल पहुंचा।

अभियान में भोपाल से पधारी बीके भावना बहन ने सभी बच्चों को दिव्यांगों की मदद करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि दिव्यांग हंसी के पात्र नहीं है बल्कि हमारे सहयोग के अधिकारी हैं इसलिए हमें हर प्रकार से उनकी मदद करना चाहिए। सड़क पर अगर कोई ऐसा व्यक्ति दिखे तो उसका हाथ पकड़ कर सड़क जरूर पार करवाएं, अगर कोई दिव्यांग बच्चा शांत बैठा हूं तो उस बच्चे के साथ जरूर खेलें।

इस दौरान बीके नंदिनी ने बच्चों को खेल खेल में मेडिटेशन सिखाया। सभी बच्चों ने बहुत ही शांतिपूर्ण और अनुशासित होकर सारी बातें सुनी और उन सब बातों को पूरा करने के लिए प्रतिज्ञा की।

इस अवसर पर विद्यालय प्रिंसिपल अंजू अवस्थी जी ने ब्रह्माकुमारीज से पहुंचीं सभी बहनों का धन्यवाद किया और इसी प्रकार के सेमिनार स्कूल में आयोजित करने के लिए आग्रह किया।

कार्यक्रम के अंत में विश्वनाथ सेवा केंद्र प्रभारी बीके रमा द्वारा सभी शिक्षक गणों को ईश्वरीय साहित्य भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।

 

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Inaguration of “Exploring Different Talents Within IC special Students”

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दिव्यांगजन सेवा विभाग एवं राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के तत्वाधान में ‘अखिल भारतीय दिव्यांगजन समानता ,संरक्षण एवं सशक्तिकरण ‘ के अंतर्गत Exploring Different Talents Within IC Special Students सम्मेलन दिनांक 18 जून से 22 जून’ 2025 तक मनमोहिनी काम्प्लेक्स के ग्लोबल ऑडोटोरियम में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया |
18 जून को उद्घाटन समारोह में पधारे राजयोगी बीके करुणा जी (एडिशनल सेक्रेटरी जनरल,ब्रह्माकुमारीज़ ) ने अपने आशीर वचन देकर सभी प्रतिभागियों एवं अभिभावकों का उमंग उत्साह बढ़ाया, राजयोगी बीके ललित जी (वाईस चेयरपर्सन दिव्यांगजन सेवा विभाग) ने इस विशेष प्रोग्राम के aim & objects से अवगत कराया,समारोह की मुख्य अतिथि श्रीमती मधु सक्सेना ( ACJM,अबू रोड ) ने अपने मधुर वचनों से सभी को उत्साहित किया और ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रमों की प्रशंसा की | बीके कृष्णा बहन ( प्रोडक्शन हैड – रेडियो मधुबन ) ने मैडिटेशन कमेंट्री द्वारा परमात्मा से सम्बन्ध जोड़ा |
ग्रुप कैप्टेन बीके सूर्यप्रकाश जी ने स्टेज का संचालन किया
सभी प्रतिभागियों एवं अभिभावकों के लियें विभिन्न आध्यात्मिक सत्र आयोजित किये गए ,विभिन्न रोचक व ऊर्जावान मूल्यों पर आधारित खेलों, आध्यात्मिक ज्ञानयुक्त चित्रकला,संगीत,नृत्य’ योग सत्रों में सभी ने बहुत रूचि दिखाई व बढ़ चढ़ कर भाग लिया ,सभी को शांतिवन एवं माउंट आबू के आसपास के प्रमुख स्थानों का भ्रमण कराया गया| सभी सेवास्थल विभागों का स्टडी टूर ग्रुप में विभाजित करके कराया गया | समापन समारोह में पधारे मुख्य अतिथि श्री शंकर लाल मीणा (एस डी एम, आबू रोड) एवं वरिष्ठ राजयोगिनी बीके डॉ. सविता ने सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट व ट्रॉफी प्रदान की | मनमोहिनीवन की तरफ से प्रदान की गयी व्यवस्था ,आयोजन व सुविधाओं का सभी प्रतिभागियों एवं अभिभावकों ने दिल से आभार प्रकट किया |

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देहरादून-उत्तराखंड दिव्यांग समानता,संरक्षण एवं सशक्तिकरण अभियान की शुरुआत

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ब्रह्माकुमारीज़ ने शुरू किया उत्तराखण्ड दिव्यांग समानता, संरक्षण एवं  सशक्तिकरण अभियान !
देहरादून-उत्तराखंड दिव्यांग समानता,संरक्षण एवं  सशक्तिकरण अभियान की शुरुआत    राज्य दिव्यांग कल्याण आयोग के सदस्य संदीप अरोड़ा,  राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांग जन स्कूल के प्रधानाचार्य अमित शर्मा,  देवभूमि बधिर एसोशिएशन की प्रदेश प्रवक्ता सोनिया अरोड़ा,   ब्रह्माकुमारीज दिव्यांग सेवा विभाग के सूर्यप्रकाश भाई एवं बी मन्जू ने दीप  प्रज्वलित कर ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र सुभाष नगर देहरादून में  की गई।
इस अवसर पर राज्य दिव्यांग कल्याण आयोग के सदस्य संदीप अरोड़ा ने कहा कि में खुद एक दिव्यांग हूँ और मैं उनकी समस्याओं से भली भांति परिचित हूँ उन्होंने दिव्यांगों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उनका समुचित लाभ लेने का आव्हान किया|
वही राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांग जन स्कूल के प्रधानाचार्य अमित शर्मा ने कहा कि उनके स्कूल के बच्चे सामान्य बच्चों से अधिक प्रतिभावान है,बस उन्हें सकारात्मक रूप से प्रेरित करने की आवश्यकता है।उन्होंने अष्टावक्र ऋषि का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे अष्टावक्र ऋषि ने कहा की राजा यह सब तो इस चमड़ी अर्थात शरीर को देख रहे है मैं तो एक चेतन्य शक्ति आत्मा हु तब ही उन्होंने राजा जनक को विदेही बनाया | ब्रह्माकुमारी बहने यही कार्य कर रही हैं |
देवभूमि बधिर एसोशिएशन की प्रदेश प्रवक्ता सोनिया अरोड़ा ने कहा कि राज्य में दिव्यांगों का चिन्हीकरण करके उनके पुनर्वास की पहल करना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
ब्रह्माकुमारीज दिव्यांग सेवा विभाग के सूर्य प्रकाश ने बताया कि राजयोग के अभ्यास से स्वयं को आत्मा समझते हुए देहाभिमान से परे होने का बोध ही दिव्यांगों को विशेष बना सकता हैं।इसलिए दिव्यांगों के जीवन मे आध्यात्मिकता को लाना अति आवश्यक है। इस सेवा के लिए ही हम उत्तराखण्ड में आये हैं |
ब्रह्माकुमारीज के दिव्यांग सेवा प्रभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राजयोगिनी मंजू दीदी ने कहा कि दिव्यांग परमात्मा के वे विशेष बच्चे है ,जो कुछ विशेष करने के लिए ही पैदा हुए है।उन्होंने ऐसे बच्चों को सामान्य बच्चों से कही ज्यादा मजबूत व गुणवान बताते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों को उनकी अभिरुचि के अनुरूप सेवा कार्य या फिर प्रशिक्षण देकर उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल किया जा सकता है।
हरिद्वार ब्रह्माकुमारीज केंद्र की प्रभारी बीके मीना ने ऐसे बच्चों के खास गुणों की तारीफ़ की।उन्होंने कहा कि दिव्यांगता को कभी अभिशाप नही समझना चाहिए बल्कि उनको सम्मान देना चाहिए ,जिनकी सेवा का अवसर हमे मिला है। इस अवसर पर मधुबन से बी के कमलेश, बी के शोभिक,बी के साधना कर्णाटक से पधारी बी के वीणा सोलन हिमाचल प्रदेश से बी के संजय भाई आदि उपस्थित रहें | मंच का कुशल संचालन  सुशील भाई ने किया | कार्यक्रम में अतिथियों के सम्मान के साथ बड़ी संख्या में भाई बहन मौजूद रहे|
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“दिव्यांगजन समानता, संरक्षण एवं सशक्तिकरण अभियान” का शुभारंभ

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दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उत्तर प्रदेश एवं ब्रह्मा कुमारीज के संयुक्त तत्वावधान में “दिव्यांगजन समानता, संरक्षण एवं सशक्तिकरण अभियान” का शुभारंभ ईदगाह स्थित ब्रह्माकुमारीज के प्रभु मिलन परिसर में किया गया।
उद्घाटन सत्र में कैबिनेट  मंत्री उच्च शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी,  इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, योगेंद्र उपाध्याय जी ने कहा कि यह एक दिव्य कार्यक्रम है जिसमें दिव्यांगजन समता की बात कही गई है. जहां ममता होती है वहां समता  स्वयं आ जाती है. ब्रह्माकुमारीज का कार्य  प्रशंसनीय  तो है ही लेकिन अनुकरणीय भी है। मोदी जी ने दिव्यांग नाम दिया है, शब्द की भी शक्ति होती है! अभियान हेतु यह एक आदर सूचक शब्द है। उन्होंने सुहास अल वाई  जो स्वयं एक आई ए एस हैं दिव्यांग हैं ने भी पैरा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत कर सरकार का नाम रोशन किया। वह एक उदाहरण हैं।
दिव्यांगजन सेवा माउंट आबू से पधारे भाई सूर्यमणि ने कहा कि दिव्यांगजन परमात्मा के अधिक निकट होते हैं, इनकी थर्ड आई खुली होती है। उन्होंने मीडिया से  मुखातिब होते हुए कहा कि कोई ऐसा समाचार नहीं छपा होगा जहां नेत्रहीन का एक्सीडेंट हुआ है, आंखों वालों का एक्सीडेंट होते-देखते हैं। ब्रह्माकुमारीज का यह अभियान दिव्यांग जनों के प्रति समानता का व्यवहार संरक्षण और सशक्तिकरण करने का है।
केंद्र प्रभारी एवं आगरा सब जॉन सचिव ब्रह्माकुमारी बीके अश्विना दीदी ने कहा कि परमात्म शक्ति से संयुक्त होकर असंभव भी संभव हो जाता है नेत्रा गुप्ता बहन इसका जीता जाता उदाहरण है,ब्रह्माकुमारीज के मेडिटेशन से किस प्रकार सशक्त होकर उन्होंने पत्रकारिता में स्वर्ण पदक प्राप्त किया और दृष्टिबाधित होने पर भी शिक्षा में प्रथम श्रेणी स्थान प्राप्त करते रहे।
अविषा पांडे ने सन्देश नृत्य प्रस्तुत किया।संचालन अमर भाई ने किया। अभियान द्वारा,टियर्स, संकेत,सुरकुटी, हर्षित,आदि संस्थानों में कार्यक्रम होंगे, जिसमें बीके सरिता, बीके मधु, बीके गीता, बीके मंजरी, बीके राज बहन का विशेष सहयोग रहेगा, आगे विभिन्न स्थानों पर अभियान का नेतृत्व प्रभा बहन , आशु बहन द्वारा किया जाएगा।
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Brahmakumaris Divyangseva

Brahmakumaris Divyang Seva : Ph:- 9414154294 / 9414155293