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Mount Abu – Bro. B.K. Suryamani Awarded with Dr B. R. Ambedkar National Award 2018
Bro. B.K. Suryamani Awarded with Dr B. R. Ambedkar National Award 2018
Delhi: Bro. BK Suryamani is awarded with Dr. B.R. Ambedkar National Award 2018 for his outstanding contribution in promotion of social justice and olympism through social responsibility.
The program was organised by Dr. B.R. Ambedkar Sports Foundation at Pragati Maidan, Conference Hall.No-7, New Delhi on 11th Aug 2018. Out of 83 awardees from different corners of India Brother BK Suryamani, National Coordinator of Divyang Seva, Brahma Kumaris HQ, Mount Abu is one of them. He renders service for Visually and Hearing Impaired since 2009 in many States of India. This service also spread over to UK, Africa,Trinidad, Nepal, Malaysia & Indonesia.
Shri Ramdas Athawale, Minister of State Ministry of Social Justice & Empowerment grace the occasion with his kind presence as Chief Guest. Master Bhupendra Kumar Bharat, President of Dr. B.R Ambedkar Sports Foundation facilitate the awardees.
divyang Seva
दिव्यांग हंसी के पात्र नहीं है बल्कि हमारे सहयोग के अधिकारी हैं
दिव्यांग हंसी के पात्र नहीं है बल्कि हमारे सहयोग के अधिकारी हैं
बच्चों के पवित्र और कोमल मन में सर्व का सहयोग करने का बीज रोपित करें- बीके भावना
छतरपुर। बच्चों का मन कोमल और पवित्र होता है उस पवित्र मन में हर किसी के प्रति प्यार बसता है अगर इस कोमल मन में बचपन से ही हर किसी का सहयोग करने और सभी के प्रति अपनेपन का भाव रखने का संस्कार डाला जाए तो बड़े होकर यही बच्चे समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं और इसी शुभ भावना को लेकर ब्रह्माकुमारीज द्वारा चलाया गया मध्य प्रदेश दिव्यांग समानता, संरक्षण और सशक्तिकरण अभियान नन्हे-मुन्ने बच्चों के बीच एंजिल पब्लिक स्कूल पहुंचा।
अभियान में भोपाल से पधारी बीके भावना बहन ने सभी बच्चों को दिव्यांगों की मदद करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि दिव्यांग हंसी के पात्र नहीं है बल्कि हमारे सहयोग के अधिकारी हैं इसलिए हमें हर प्रकार से उनकी मदद करना चाहिए। सड़क पर अगर कोई ऐसा व्यक्ति दिखे तो उसका हाथ पकड़ कर सड़क जरूर पार करवाएं, अगर कोई दिव्यांग बच्चा शांत बैठा हूं तो उस बच्चे के साथ जरूर खेलें।
इस दौरान बीके नंदिनी ने बच्चों को खेल खेल में मेडिटेशन सिखाया। सभी बच्चों ने बहुत ही शांतिपूर्ण और अनुशासित होकर सारी बातें सुनी और उन सब बातों को पूरा करने के लिए प्रतिज्ञा की।
इस अवसर पर विद्यालय प्रिंसिपल अंजू अवस्थी जी ने ब्रह्माकुमारीज से पहुंचीं सभी बहनों का धन्यवाद किया और इसी प्रकार के सेमिनार स्कूल में आयोजित करने के लिए आग्रह किया।
कार्यक्रम के अंत में विश्वनाथ सेवा केंद्र प्रभारी बीके रमा द्वारा सभी शिक्षक गणों को ईश्वरीय साहित्य भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।
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ब्रह्माकुमारीज़ विश्वनाथ सेवा केंद्र द्वारा निर्माण फाउंडेशन में कार्यक्रम आयोजित
ब्रह्माकुमारीज द्वारा चलाए जा रहे हैं मध्य प्रदेश दिव्यांग समानता, संरक्षण एवं सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत ब्रह्माकुमारी विश्वनाथ सेवाकेंद्र द्वारा देरी रोड स्थित निर्वाणा फाउंडेशन में दिव्यांग एवं मंदबुद्धि बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया।
उक्त कार्यक्रम में भोपाल से पधारी बीके मोनिका बहन ने कहा ‘दिव्यांग उन लोगों की उपेक्षा के पात्र नहीं होने चाहिए जिन्हें बहुत कुछ मिला है। इनका जीवन अभिशप्त और बोझ नहीं इन्हें हमारे प्यार और विश्वास की जरुरत है। शारीरिक-मानसिक रुप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए हमारी अच्छी सोच और सहयोग की आवश्यकता है, जिससे वे दिव्यांग होते हुए भी कभी स्वयं को अक्षम महसूस न करें।
इस कार्यक्रम में बीके आशीष, बीके रूबी, नंदनी बहन ने सभी बच्चों को चित्र प्रदर्शनी द्वारा जीवन मूल्यों को समझाया और मूक बधिर बच्चों से चित्रकारी करवाई। सभी बच्चों ने ब्रह्माकुमारी बहनों के साथ डांस करके अपनी खुशी को व्यक्त किया।
कार्यक्रम के अंत में निरवाना फाउंडेशन संचालक संजय सिंह ने ब्रह्माकुमारीज के सभी भाई बहनों का इस अनोखे प्रयास के लिए धन्यवाद प्रकट किया तत्पश्चात विश्वनाथ सेवा केंद्र प्रभारी बीके रमा ने संजय सिंह जी को उनकी सेवाभाव के लिए सम्मानित किया और सभी बच्चों को ईश्वरीय प्रसाद ग्रहण कराया।
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दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं अवसरों की आवश्यकता है I
अपने अभावों में भी स्वयं को कमजोर नहीं होने देते। वे अपना मार्ग स्वयं प्रशस्त करते हैं और दिव्यांगता को अपनी मजबूरी नहीं बनने देते। मूक होकर भी इशारों से सब कुछ बोल जाते हैं, बधिर होकर भी सब समझ लेते हैं, पंगु होकर भी जिंदगी की दौड़ में आगे निकल जाते हैं, दृष्टिहीन होकर भी मन की आंखों से सब कुछ देख लेते हैं। स्वस्थ शरीर के बावजूद बहुत से व्यक्ति अधूरे ही होते हैं और दिव्यांग तन मन से संपूर्ण होते हैं ऐसे दिव्यांगजन वास्तव में सम्मान के पात्र हैं क्योंकि वह हमें जिंदगी का पाठ सिखाते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथि सत्कार एवं दीप प्रज्वलन से की गई तत्पश्चात कार्यक्रम के विषय पर आधारित बहनों के द्वारा एक नृत्य प्रस्तुत किया गया।
इस कार्यक्रम में लवकुश नगर में रहने वाले अखिलेश मिश्रा जिनकी स्वयं की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे मंद हो रही है दिखाई नहीं देता है फिर भी ऐसी स्थिति में भी वह बरोही ग्राम में जाकर बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उनकी इस सेवा भावना के लिए छतरपुर ब्रह्माकुमारीज द्वारा उनको विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अलावा दिव्यांग होते हुए भी नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट विजेता एवं मैराथन में कई बार विजयी होने वाले बसंत कुमार, संतोष कुशवाहा, उमेश मौर्या, रिजवान खान को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया
इस कार्यक्रम में सामाजिक न्याय विभाग से एआई खान सहित अन्य अधिकारी गण, प्रगतिशील दिव्यांग संसार की समस्त शिक्षिका साधना असाटी, साइन लैंग्वेज शिक्षिका नीलम पटेल, सीडब्ल्यूएसएन से दिव्यांग बच्चों की शिक्षिका सुनीता अहिरवार, दिव्यांग हेल्प फाउंडेशन एवं विकलांग कल्याण समिति के युवा भाई, समाजसेवी संजय शर्मा, सत्यशोधन आश्रम संचालक देवेंद्र भंडारी एवं इन संस्थाओं के सभी बच्चे शामिल हुए।
इस अवसर पर अभियान में सागर से पधारी बीके कल्पना बहन ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारीज का यह अभियान पूरे मध्यप्रदेश में 15 दिनों से लगातार चल रहा है इसकी शुरुआत भोपाल राजयोग भवन से की गई। इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांगों को आंतरिक रुप से सशक्त एवं संरक्षित करना है। दिव्यांगों को सहानुभूति कि नहीं अवसरों की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि के रुप में पधारे समाजसेवी संजय शर्मा ने ब्रह्माकुमारीज द्वारा सिखाये जाने वाले मेडिटेशन एवं उसके कार्यों की सराहना की। छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने अभियान की सफलता के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की एवं सभी संस्थाओं से पधारे भाई बहनों का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम के अंत में ब्रह्मा कुमारीज द्वारा दिव्यांगों के लिए बनाई गई चित्र, प्रदर्शनी, गुणों पर आधारित सांप सीढ़ी द्वारा खेल खिलाए गए एवं बच्चों से पेंटिंग भी कराई गई और डांस करा कर सभी बच्चों को उत्साहित किया तत्पश्चात सभी को ईश्वरीय प्रसाद एवं बच्चों को सौगात दी गई।
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